विद्वानों के सान्निध्य में काम करने के बहुत सारे लाभ हैं। ज्ञान,अनुभव, विचार तो प्राप्त होते ही हैं, नई कार्यसंस्कृति से भी साक्षात्कार होता है। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर, देवप्रयाग के नए निदेशक के पद पर प्रो.बनमाली बिश्वाल जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के ख्यातिलब्ध विद्वान की ताजपोशी न केवल देवप्रयाग,बल्कि संपूर्ण उत्तराखंड के लिए गौरव की बात है। कवि,कथाकार,संपादक प्रो.बिश्वाल उड़िया, हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत,बांग्ला और मराठी भाषाओं के जानकार हैं।
Director, Professor and Head in Sanskrit Vyakarana at Central Sanskrit University and a prolific writer in Sanskrit, English, Oriya and Hindi Following web-profiles of mine can be followed for academic purposes: Academia.edu:- http://independent.academia.edu/BanamaliBiswal Blogspot:- https://professorbanamalibiswal.blogspot.com/ Youtube:- https://www.youtube.com/channel/UC-r7elK6Jr_ztnqoMJo9xjw
Friday, 5 March 2021
By the grace of lord Raghunath and lord Jagannath along with all other deities, I took over the charge of Director of Central Sanskrit University, Shri Raghunath Kirti Campus, Devaprayag.
हिन्दी, उड़िया, अंग्रेजी और संस्कृत में उनके साहित्य का विशद् भंडार है। 160 शोध-पत्रों और 50 से अधिक पुस्तकों का प्रकाशन, दस से अधिक पत्रिकाओं का संपादन करना प्रो.बिश्वाल को बड़े साहित्यकारों की श्रेणी में रखता है। उनके मार्गदर्शन में 40 विद्यार्थी पीएचडी कर चुके हैं तथा उनके रचना संसार पर अनेक शोध हो चुके हैं।
उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, दिल्ली संस्कृत अकादमी से अलंकृत प्रो.बिश्वाल को ऐसे एक दर्जन से अधिक पुरस्कार उनके उत्कृष्ट रचनाकर्म के लिए दिए जा चुके हैं। आपकी विशिष्ट पहचान माडर्न संस्कृतज्ञ के रूप में है। आप पिछले पांच साल से इसी परिसर में व्याकरण के प्रोफेसर और विभागाध्यक्ष पद को सुशोभित कर रहे थे। मेरा सौभाग्य है कि मेरे प्रकाशनाधीन कथासंग्रह 'फागुणी' की अधिकांश कहानियों का प्राथमिक अवलोकन और मूल्यांकन आप जैसी महान हस्ती ने किया। आपकी व्यावहारिकता और सौम्यता आपके गहन ज्ञान और वैदुष्य का नेतृत्व करती है। कम शब्दों में बहुत कहना, जैसा हो वैसे दिखना तथा जैसा कहते वैसे लिखना जैसी बातें हम आपसे सीखने का प्रयास करते हैं।
देहरादून से मेरी
बधाई
और शुभकामनाएं स्वीकार करें महोदय। भगवान् श्री रघुनाथ आपका मार्गदर्शन करें, मां गंगा आपको निर्मलता के लिए निर्देशित करे, नृसिंह भगवान् आपको साहस और संकल्पबद्धता दें।ॐ सहनाववतु सहनोभुनक्तु सहवीर्यंकरवावहे तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषामहे।
-डॉ.वीरेन्द्र बर्त्वाल, देहरादून
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