संक्षिप्त-परिचय (Brief Bio-data)
प्रो. बनमाली बिश्वाल
पद्यमयः परिचय
जन्मना चोत्कलीयोsपि भारतीयोsस्ति कर्मणा। बिश्वालो बनमाल्याख्यो वृत्तञ्चेत्थं समासतः।।
जाजपुरे जनिं लब्ध्वा विद्यायै च पुरीं गतः। उच्चशिक्षामवाप्तुञ्च सम्प्राप्तः पुण्यपत्तनम्।।
प्रयागं वृत्तये प्राप्य तत्र वासः प्रकल्पितः। नाम पद्मालया तस्य चावासस्य समङ्कितम्।।
प्रतिष्ठानपुरी ख्याता झूसीत्यपरसंज्ञिता। तत्रैवास्ति तदावासः वसन्ताख्ये विहारके।।
देवप्रयाग-वासस्तु स्थानान्तरण-कारणात्। गङ्गा-नाम यतः साक्षात् प्रसिद्ध्यति महीतले।।
संस्थाने राष्ट्रिये नित्यं संस्कृताय समर्पिते। कीर्त्याख्ये रघुनाथे च परिसरे प्रतिष्ठिते।।
व्याकरणविभागेsसावाचार्योsध्यक्षभाजनः। समकालिकसाहित्ये मतिं धत्ते विशेषतः।।
मौलिको लेखको हिन्दी-संस्कृताङ्ग्लोत्कलेषु वै। कविः कथाकारः ख्यातस्सम्पादकस्समीक्षकः।।
सोsप्यनुवादकस्स्मृतश्शोध-निर्देशकः पुनः। शैक्षिक-भूमिकास्वेव बह्वीषु सुनियोजितः।।
भाषा-साहित्य-क्षेत्रेषु संस्कृताय समर्पितः। सर्जनानुवादाभ्याञ्च समीक्षा-शोधयोः पुनः।।
रुचिर्नैकेषु शास्त्रेषु शोधानुवादसाधने। व्याकरण-साहित्याभ्यां वेददर्शनयोस्तथा।।।
सम्मानाश्चार्जिताः नैके साहित्यिकोपलब्धये। विविध-बाणभट्टाभ्यां संस्कृत-प्रतिभा पुनः।।
उपेन्द्रभञ्ज-सम्मानः लालो गिरिधरस्स्मृतः। पण्डितराजसम्मानः भारतीयोsखिलः क्वचित्।।
सम्मानो भाउरावश्च भाषापरिषदोपरः। उपाध्यायः महत्पूर्वः सम्मानः संस्कृते महान्।।
काव्य-शोधात्मकाः ग्रन्थाः शताधिकाः प्रकाशिताः। केचिदनूदितास्तेषु सम्पादिताश्च मौलिकाः।।
छन्दोबद्धानि काव्यानि मुक्तच्छन्दांसि कानिचित्। कथोपन्यासनाट्येषु लेखनञ्च विशिष्यते।।
सङ्गमेनाभिरामाख्या ऋतुपर्णा व्यथा पुनः। एकविम्बात्मकं काव्यं प्रियतमा प्रसिद्ध्यति।।
यात्रा च दारुब्रह्मापि वेलेण्टाइन् क्वचित् पुनः। काव्यानि मौलिकान्यस्य मुख्यानि सन्ति कानिचित्।।
जिजीविषा-बुभुक्षाभ्यां कथासु नीरवस्वनः। जगन्नाथस्य माहात्म्यं कथास्वपि निरूपितम्।।
तारा चारुन्धती ख्याता विवेकलहरी पुनः। काव्ये चानूदिते ह्येते पत्रालयस्तु नाटकम्।।
अनूदितो कथाग्रन्थः स्वप्नः जन्मान्ध-पूर्वकः। उत्कलीये च काव्ये द्वे कथाग्रन्थः कश्चित् पुनः।।
ग्रन्था विंशतिसंख्याका भाषाशिक्षणसाधकाः। भिन्नविषय-सम्बद्धाः शोधग्रन्थाः दशाधिकाः।।
समासशक्तिसिद्धान्तः उपदेशस्तथाsपरः। अन्ये दार्शनिकाः पक्षाः ग्रन्थान्तरेषु चिन्तिताः।।
भर्तृहरि-पतञ्जल्योर्विचाराः ग्रन्थयोर्द्वयोः। उत्कलीयावदानञ्च व्याकरणे विचारितम्।।
सुव्याकरणतत्त्वानामालोचनं कृतं नवम्। प्रातिशाख्यैश्च सम्बद्धश्शब्दकोशो विनिर्मितः।।
हस्तलेखशास्त्रं पद्ये पाश्चात्यदर्शनं पुनः। योगरत्नावली वाक्यदीपिकानूदिता क्वचित्।।
गद्ये पद्ये निबद्धानि यात्रावृत्तानि कानिचित्। शोधपत्राणि सन्त्यस्य सार्धशताधिकानि च।।
नित्यं सम्पादिताः योग्याः पत्रिकाङ्काः शताधिकाः। समीक्षापत्रिका दृक्-च पद्यबन्धा कथासरित्।।
विश्ववारा तथा गङ्गानाथ-झा-शोधपत्रिका। शाब्दी त्रिपथगा ख्याता वार्तावली तथोशती।।
चत्वारिंशाधिकाश्छात्राः शोधे निर्देशिताः पुनः। कृता जर्मनि-यात्राsपि भाषाशिक्षाप्रसङ्गतः।।
(समकालिक संस्कृत साहित्य की नवीन प्रवृत्तियां, पृ.01 )
संस्कृत, अंग्रेजी, हिन्दी तथा ओडिआ भाषा में कविकर्म करने वाले कवि एवं कथाकार प्रो. बनमाली बिश्वाल यद्यपि जन्म से उत्कलीय हैं उनका कर्मक्षेत्र प्रयाग ही रहा है और इस समय वे आचार्य एवं व्याकरणविभागाध्यक्ष के रूप में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्रीरघुनाथकीर्ति परिसर, देवप्रयाग, उत्तराखण्ड में कार्यरत हैं। उनका अब तक उपर्युक्त प्रायः सभी भाषाओं में 100 से अधिक सर्जनात्मक मौलिक, अनूदित, शोधपुस्तकें प्रकाशित हैं। उनकी सर्जनात्मक कृतिओं में कथा, कविता, नाटक, उपन्यास, ललितनिबन्ध, यात्रासाहित्य आदि सम्मिलित हैं। उन्होंने काव्यतत्त्वसमन्विति, हस्तलेखशास्त्र, भारतीयदर्शनकारिका, पाश्चात्यदर्शनकारिका नाम से कई अभिनव शास्त्रग्रन्थ लिखने के साथ-साथ 10 से अधिक सर्जनात्मक, समीक्षात्मक शोधपत्रिकाओं के 100 से अधिक अंकों का सफल सम्पादन भी किया है। इसके अतिरिक्त 150 से अधिक शोधपत्र, 60 से अधिक पुस्तकसमीक्षा, 10 से अधिक पुस्तकों का पुरोवाक् या आमुख लेखन, 20 से अधिक लब्धप्रतिष्ठ रचनाकारों का साक्षात्कार, 150 से अधिक अन्ताराष्ट्रिय, राष्ट्रिय सम्मेलन, संगोष्ठी, कार्यशालाओं में सक्रिय भागग्रहण, 50 शोधछात्रों का निर्देशन (40 उपाधिप्राप्त), शैक्षणिक विदेशयात्रा - जर्मनी , कवि की सर्जनात्मक कृतिओं पर 10 से अधिक पी.एच.डी,एम.फील शोधप्रबन्ध प्रस्तुत,अपनी सारस्वत उपलब्धि के लिए उन्हें दिल्ली संस्कृत अकादमी, उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, भारतीय भाषा परिषद् (कोलकाता), हिन्दी साहित्य सम्मेलन (इलाहाबाद), भाउराव देवरस सेवान्यास (लखनऊ), उपेन्द्रभञ्ज फाउंडेशन (भुवनेश्वर) आदि अनेक सुप्रतिष्ठित साहित्यिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के द्वारा 20 से अधिक बार पुरस्कृत किया जा चुका है।
वैयक्तिक विवरण
प्रो. बनमाली बिश्वाल
जन्मतिथि- 4-5-1961
पिता - स्व. नारायणबिश्वाल
माता - स्व. सत्यभामा बिश्वाल
पत्नी – श्रीमती पद्मवती बिश्वाल
जन्मतीर्थ- ग्राम - तेलिआ, पो. हाटसाहि, वाया – शंखचिला, जि. याजपुर, ओडिशा
कर्मतीर्थ - आचार्य एवं व्याकरणविभागाध्यक्ष, केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, श्रीरघुनाथकीर्ति परिसर,
देवप्रयाग, उत्तराखण्ड - 249301,
वासतीर्थ - 57, वसन्तविहार, झूसी, इलाहाबाद – 211019
जंगमदूरभाष – 9450781742 (मो.) 7355159616 (ह्वा.)
ईमेल – banamali7@gmail.com
यू-ट्यूब्-लिंक –https://www.youtube.com/channel/UC-r7elK6Jr_ztnqoMJo9xjw
ब्लागस्पाट – https://professorbanamalibiswal.blogspot.com/
एकाडेमिया एडु.– http://independent.academia.edu/BanamaliBiswal
जीवनवृत्त – http://srkcampus.org/pdf/faculty_bio/banamali_biswal.pdf
शिक्षा - शास्त्री, आचार्य, एम.ए., एम.फिल.,पी.एच.डी. (पुणे विश्वविद्यालय)
विषय-विशेषज्ञता व्याकरण, वेद, धर्म एवं दर्शन, साहित्य, आधुनिक संस्कृत साहित्य, संकृत एवं विज्ञान, पाण्डुलिपिविज्ञान, शोधप्रविधि आदि
भाषा-दक्षता संस्कृत, हिन्दी, अंग्रेजी, ओडिआ (मराठी, बांगला कुछ सीमा तक)
रचना-दक्षता - मौलिक शोध(समीक्षात्मकएवं सम्पादनात्मक)– चारों भाषाओं में
- मौलिक सर्जनात्मक रचना (चारों भाषाओं में कविता, कथा, नाटक, उपन्यास,
बालसाहित्य)
- अनूदितसर्जनात्मक रचना (चारों भाषाओं मेंकविता, कथा, नाटक, उपन्यास,
बालसाहित्य)
प्रकाशन एवं अन्य शैक्षणिक विवरण
मौलिकसंस्कृत-कवितासंग्रह- सङ्गमेनाभिरामा (1996), व्यथा (1997), ऋतुपर्णा (1999), प्रियतमा (1999), वेलेण्टाइन्डे-सन्देशः (2000), दारुब्रह्म (2001), यात्रा (2002), वदरीश-शतकम्, प्रयागप्रयाणम्, नवदुर्गायणम्,सोमनाथायनम्, देवभूमिप्रयाणम्, क्वास्ति मे भारतम्, दारुभूतो मुरारिः आदि
अनूदित-संस्कृत-कवितासंग्रह - तारा अरुन्धती (मूल-गुजराती - उषा उपाध्याय),
- विवेकलहरी (मूल अंग्रेजी, बांग्ला एवं हिन्दी– स्वामी विवेकानन्द)
मौलिकसंस्कृत-कथासंग्रह- नीरवस्वनः (1998), बुभुक्षा (2001), जगन्नाथचरितम् (2003), जिजीविषा (2006)
अनूदित-संस्कृत-कथासंग्रह - जन्मान्धस्य स्वप्नः - 2015 (प्रो. अरुणरञ्जन मिश्र की ओडिआ कथाओं का संस्कृतानुवाद) पद्मजा प्रकाशन, इलाहाबाद
अनूदित-संस्कृत-नाटक - पत्रालयः 2015 - (रवीन्द्रनाथ ठाकुर के बंगाली नाटक डाकघर का
संस्कृतानुवाद) – पद्मजा प्रकाशन, इलाहाबाद
अनूदित-संस्कृत-कवितासंग्रह - विवेकलहरी - 2016 (स्वामी विवेकानन्द की बंगाली अंग्रेजी हिन्दी
कविताओं का संस्कृतानुवाद) पद्मजा प्रकाशन, इलाहाबाद
- वदरीश-शतकम्, प्रयागप्रयाणम्, नवदुर्गायणम् संस्कृतगौरवशतकम् तथा सोमनाथायनम् (पद्यबन्धा आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित), वैष्णोदेवीशतकम्, कोरोनायणम्, देवभूमिप्रयाणम् आदि (यन्त्रस्थ)
ओडिआ-कवितासंग्रह - वञ्च तुमे मो आयुष नेइ (1997), कश्चित्कान्ता (2000)
ओडिआकथासंग्रह - सकालर मुहँ (2000 )
(इसके अतिरिक्त एक संस्कृत-कथासंग्रह दो संस्कृत-नाटक दोसंस्कृत-उपन्यास यन्त्रस्थ है)
प्रकाशित समीक्षा-ग्रन्थ – समकालिक संस्कृतसाहित्य की नवीन प्रवृत्तियां
प्रकाशित शोध-ग्रन्थ The समासशक्तिनिर्णय of कौण्डभट्ट (1995), The concept of उपदेश in Sanskrit Grammar (1996), पतञ्जलि as a Philosopher and
Grammarian (2003), भर्तृहरि as a Philosopher and Grammarian , (2006) व्याकरणतत्त्वालोचनम्,PadmajaPrakashan (2006), Studies on Sanskrit Grammar and Grammatical concepts (2006), A new approach to Philosophy of Sanskrit Grammar (2007), Orissan Contributions to Sanskrit Grammar and linguistics(2007), प्रातिशाख्य-पारिभाषिक-शब्दकोश (2015), समकालिक संस्कृत साहित्य की नवीन प्रवृत्तियां (2020)
शास्त्रीय ग्रन्थ - काव्यतत्त्वसमन्वितिः, हस्तलेखशास्त्रम्, भारतीयदर्शनकारिका,
पाश्चात्यदर्शनकारिका आदि,
अनूदित एवं सम्पादित शास्त्रीय ग्रन्थ - योगरत्नावली, वाक्यवाद, वाक्यदीपिका, कविरहस्य, मनसिजसूत्रम्
तथा राष्ट्रिय-संस्कृत-संस्थान के दूरस्थ शिक्षण सामग्री के रूप में सिद्धान्त कौमुदी एवं लघु-सिद्धान्त-कौमुदी की दश पुस्तिकाएं प्रकाशित
प्रकाशित भाषाशिक्षण पुस्तक - राष्ट्रिय-संस्कृत-संस्थान के संस्कृत स्वाध्याय सामग्री के रूप में प्रथमा
दीक्षा के पांच, द्वितीय दीक्षा के तीन एवं तृतीय दीक्षा के दो पुस्तकें एवं गंगानाथ झा परिसर, इलाहाबाद से पञ्जाबी संस्कृत पाठमाला संयुक्त सम्पादन में प्रकाशित
सम्पादित काव्यसंग्रह– जगन्नाथ-सुभाषितम् (दो भाग), प्रतिध्वनिः, सूकित-मुक्तावली,
अमृतमन्थनम् आदि
प्रकाशित शोधपत्र- 150 शोधपत्र विविध पत्र-पत्रिकाओं मेंप्रकाशित
पुस्तक-समीक्षा - 60 पुस्तक-समीक्षा विविध पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित
शोध-निर्देशन - मार्गदर्शन में 40 शोधछात्र शोध उपाधि (पी. एच. डी) प्राप्त
सम्मेलन, संगोष्ठी, कार्यशाला -160(राष्ट्रीय, अन्ताराष्ट्रीयसम्मेलनों में पत्रप्रस्तुतिपूर्वक
भागग्रहण एवं अनेकों में सत्राध्यक्ष)
शैक्षणिकविदेशयात्रा - जर्मनी (लाईप्चिक एवं हाईडिलवर्ग विश्वविद्यालय)
पत्र-पत्रिका सम्पादित - दृक् (समकालिकसंस्कृतसाहित्य-समीक्षाषाण्मासिकी) - 31 अंक
- कथासरित्(अद्वितीय संस्कृतकथा- षाण्मासिकी) - 30 अंक
- जर्नल आफ गङ्गानाथ झा कैम्पस (अन्ताराष्ट्रिय शोधपत्रिका) - 10 अंक
- शाब्दीत्रिपथगा (3 अंक), विश्ववारा (1 अंक)
- अन्य (उशती, शाश्वती, मधुछन्दा एवं अभिनन्दन ग्रन्थ) – 15
प्रधान-सम्पादक - पद्यबन्धा (अद्वितीय संस्कृतकविता-षाण्मासिकी) 16 अंक
पुरोवाक् आमुख लेखन - 10 से अधिक पुस्तकों का पुरोवाक् (Foreword) आमुख (Preface) लेखन
साक्षात्कार - 15 से अधिक लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् एवं संस्कृत-रचनाकारों का साक्षात्कार लिया
जो दृक् कथासरित् आदि पत्रिकाओं में प्रकाशित
विशेष उपलब्धि - सर्जनात्मक रचनाकार के रूप में कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर 10 से अधिक
शोधप्रबन्ध (पी.एच.डी), लघु शोधप्रबन्ध (एम. फील) लिखे गये एवं लिखे जा रहे हैं।
- प्रतिष्ठित रचनाकार के रूप में स्व-साक्षात्कार लोकभाषासुश्री पत्रिका में प्रकाशित
- अपनी अनेक कथा, कविता एवं कथासंग्रह हिन्दी, अंग्रेजी, तेलुगू, ओडिआ आदि भाषाओं में अनूदित
साहित्यिक-सम्मान
१. विविध-पुरस्कारः (सङ्गमेनाभिरामा), उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, १९९६
२. विविध-पुरस्कारः (पञ्जाबी-संस्कृत-पाठमाला), उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, १९९६
३.भाउराओ-देवरस-सेवान्यास-युवासाहित्यकार-पुरस्कारः(युवा-ओडिआ-कविरुपेण), लखनऊ, १९९६
४. पण्डितराजजगन्नाथ-पद्यरचना-पुरस्कारः (सङ्गमेनाभिरामा), दिल्ली-संस्कृत अकादमी, १९९७-९८
५. अखिलभारतीय-मौलिक-संस्कृत-कथारचना-पुरस्कारः, दिल्ली संस्कृत अकादमी, १९९८
६. अखिलभारतीय-मौलिक-संस्कृत-कथारचना-पुरस्कारः, दिल्ली संस्कृत अकादमी, १९९९
७. विविधपुरस्कारः (प्रियतमा), उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, १९९९
८. बाणभट्टपुरस्कारः (नीरवस्वनः), उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, १९९९-२०००
९. गोस्वामि-गिरिधरलाल-गद्यरचना-पुरस्कारः (नीरवस्वनः), दिल्ली संस्कृत अकादमी, १९९९-२०००
१०. गोस्वामि-गिरिधरलाल-गद्यरचना-प्रथमपुरस्कारः, (बुभुक्षा), दिल्ली संस्कृत अकादमी, २००२-२००३
११. पण्डितराजजगन्नाथ-पद्यरचना-द्वितीयपुरस्कारः, (दारुब्रह्म), दिल्ली संस्कृत अकादमी, २००२-२००३
१२. संस्कृत-महामहोपाध्याय-सम्मानः, हिन्दी साहित्य सम्मेलन, इलाहावाद, २००५
१३. अखिलभारतीय-समस्यापूर्त्ति-पुरस्कारः, दिल्ली संस्कृत अकादमी, २००५-२००६
१४. संस्कृतप्रतिभासम्मानः, K.K.Women’s College,Balasore, 2006
१५. अखिलभारतीय-मौलिक-संस्कृत-कथारचना-पुरस्कारः, दिल्ली संस्कृत अकादमी, २००६
१६. अखिलभारतीय-समस्यापूर्त्ति-पुरस्कारः, दिल्ली संस्कृत अकादमी, २००६
१७. विविधपुरस्कारः (जिजीविषा), उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, २००६
१८. अखिलभारतीय-मौलिक-संस्कृत-लघुकथा-पुरस्कारः, दिल्ली संस्कृत अकादमी, २००६
१९. विविधपुरस्कारः (जिजीविषा), उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान, २००७
२०. नव ऊर्जा अभिनन्दनम्, भारतीय भाषापरिषद् कोलकाता, २०१२
(क) संस्कृत-कवितासंग्रह (मौलिक)
१. सङ्गमेनाभिरामा, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,१९९६
२. व्यथा, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः, १९९७
३. ऋतुपर्णा, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः, १९९९
३. प्रियतमा, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः, १९९९
४. वेलेण्टाइन्-डे-सन्देशः, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,२०००
६. दारुब्रह्म, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,२००१
७. यात्रा, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,२००२
(ख) संस्कृत-कथासंग्रह (मौलिक)
1. नीरवस्वनः, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः, १९९८
2. बुभुक्षा, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,२००१
3. बुभुक्षा-शीर्षकाङ्कितस्य मौलिक-संस्कृत-कथा-संग्रहस्य हिन्दी-अनुवादः पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,२००१
4. जगन्नाथचरितम्, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,२००३
5. जिजीविषा, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,२००६
(ग) ओडिआ-कवितासंग्रह (मौलिक)
१. वञ्च तुमे मो आयुष नेइ, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः, १९९९
२. कश्चित्कान्ता, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,२०००
(घ) ओडिआ-कथासंग्रह
१. सकालर मुहँ, पद्मजाप्रकाशनम्, प्रयागः,२०००
(ङ) अनूदित कृति (अनूदित काव्य, कथासंग्रह नाटक)
अनूदित काव्यसंग्रह
1. तारा अरुन्धती (Originally Gujrati , Trans. From English to Sanskrit , Rashtriya Sanskrit Sansthan , New Delhi ,2011)
अनूदित कथासंग्रह
3.जन्मान्धस्य स्वप्नः(Originally Oriya , Trans. into Sanskrit, Padmaja
Prakashan , Allahabad , 2013 )
4. पत्रालयः (Originally Bengali , Trans. From Hindi to Sanskrit, Padmaja Prakashan , Allahabad , 2012 )
अनूदित शास्त्रीय ग्रन्थ
5. योगरत्नावली (Hindi-English-Translation , Padmaja Prakashan ,
Allahabad , 2006 )
6. वाक्यवादः (Text Translated in to English and Hindi with Notes, Rashtriya Sanskrit Sansthan , G.N. Jha Campus , Allahabad , 2010)
7. वाक्यदीपिका : A Commentary on वाक्यवादः(Critically Edited with Original Text and tri-lingual Notes, Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad , 2012)
8. गङ्गाष्टकम् 2016 गैर्वाणवाणी-गौरव-ग्रन्थमाला, Journal of G.N.Jha Kendriya Sanskrit Vidyapeeth, Allahabad, Vol.
9. Mandana Mishra (Original Hindi, Udayanath Jha) In press
Sahitya Akademi, New Delhi
10. लिङ्गनिर्णयः Ready for press Rashtriya Sanskrit Sansthan
11. लिङ्गप्रकाशः Ready for press Rashtriya Sanskrit Sansthan
12. लिङ्गानुशासनवृत्तिः Ready for press Rashtriya Sanskrit Sansthan
(च) संस्कृत-नाट्यकृति
१. देहि पदपल्लबमुदारम् (दिल्ली-संस्कृत-अकादम्याः लघुनाटकसंग्रहे प्रकाशितः)
२. धर्मपदस्य पितृभक्तिः (दिल्ली-संस्कृत-अकादम्याः लघुनाटकसंग्रहे प्रकाशितः)
३. उन्मत्तः ((अप्रकाशितः))
४. जगतश्चक्षुषि परः (अप्रकाशितः)
खण्डकाव्य
1. प्रयागप्रयाणम् (पद्यबन्धाया 15शे अङ्के प्रकाशितम्)
2. सोमनाथायने – (पद्यबन्धाया 16शे अङ्के प्रकाशितम्)
3. कोरोनायणम् (पद्यबन्धाया 17शे अङ्के प्रकाशितम्)
शतकाकाव्य
1. वदरीशशतकम् (पद्यबन्धाया 13शे अङ्के प्रकाशितम्)
2. नवदुर्गायणम् (पद्यबन्धाया 14शे अङ्के प्रकाशितम्)
3. संस्कृतगौरवशतकम् (रघुनाथवार्यावल्याः 11शे अङ्के प्रकाशितम्)
4. केदारेश्वरशतकम्
5. श्रीशङ्कराचार्य-शतकम्
6. प्रतिवेशी-शतकम्
7. भवभूति-शतकम्
8. कालिदासशतकम्
(ज) शोधग्रन्थाः
1. Theसमासशक्तिनिर्णय ofकौण्डभट्ट , Padmaja Prakashan , Allahabad , 1995
2. The concept of उपदेश in Sanskrit Grammer , Padmaja Prakashan ,
Allahabad ,1996
3. पतञ्जलि as a Philosopher & Grammarian , Padmaja Prakashan ,
Allahabad , 2003
4. भर्तृहरि as a Philosopher & Grammarian , Padmaja Prakashan ,
Allahabad , 2006
5. Studies on Sanskrit Grammer and grammatical concepts ,
Padmaja Prakashan , Allahadbad , 2006
6. A new approach to Philosophy of Sanskrit Grammer , Padmaja
Prakashan, Allahabad , 2007
7. Orissan Contributions to Sanskrit Grammer and Linguistics , Padmaja Prakashan , Allahabad , 2007
8. व्याकरणतत्त्वालोचनम् , Padmaja Prakashan , Allahabad , 2006
9.समकालिक संस्कृत साहित्य की नवीन प्रवृत्तियां, Kavikulaguru Kalidas University, Nagpur, 2020
10. हस्तलेखविज्ञान , Padmaja Prakashan , Allahabad
11. The Science of Manuscripts , Padmaja Prakashan , Allahabad
1. | प्रतिध्वनिः (Collection of Sanskrit poems) Allahabad | 1995 | Utkal Samaj, Allahabad |
2. | पञ्जाबी- संस्कृत-पाठमाला, part – I | 1992 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
3. | पञ्जाबी- संस्कृत-पाठमाला, part –II | 1996 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad, |
4-8 | 5 books of प्रथम-दीक्षा | 2002 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
9-11 | 3 books of द्वितीय-दीक्षा Rashtriya Sanskrit Sansthan | 2002 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
12 | संक्षेप-रामायणम् | 2003 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
13 | सिन्दूरप्रकरकाव्यम्सोमप्रभशतकम् (Text critically edited with Introduction in English) | 2003 | गैर्वाणवाणी-गौरव-ग्रन्थमाला, Journal of G. N. Jha Kendriya Sanskrit Vidyapeeth, Allahabad, Vol. LVI |
14 | मनसिजसूत्रम् (Edited with Comm. दीपिका of Jayakrishna) | 2007 | गैर्वाणवाणी-गौरव-ग्रन्थमाला, Journal ofG.N.Jha Kendriya Sanskrit Vidyapeeth, Allahabad, Vol. LXIII |
15 | जगन्नाथ-सुभाषितम्– I (Anthology of Dr. Jagannath Pathak) Edited with Introduction) | 2011 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
16 | जगन्नाथसुभाषितम्– II(Anthology of Dr. Jagannath Pathak) Edited with Introduction) | 2015 | Kirti Trust, Allahabad |
17 | Anthology of Dr. Jagannath Pathak, Edited with Introduction) | Ready for press | Sahitya Akademi, Delhi |
18 | Amritamanthanam (Anthology of Dr. Ramji Thakur) | Ready for press | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
19 | वाक्यदीपिका : A Commentary on वाक्यवादः (Critically Edited with Original Text and tri-lingual Notes) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
20 | लघुसिद्धान्तकौमुदी,खण्डः – 1 –संज्ञा-परिभाषा-प्रकरणम् (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
21 | लघुसिद्धान्तकौमुदी, खण्डः – 2 –अच्-सन्धि-प्रकरणम् (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
22 | लघुसिद्धान्तकौमुदी, खण्डः – 3 –हल्-सन्धि्विसर्गसन्धि-स्वादिसन्धि-प्रकरणम् (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
23 | लघुसिद्धान्तकौमुदी,खण्डः– 4 –अजन्त-प्रकरणम् (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
24 | लघुसिद्धान्तकौमुदी,खण्डः–5– हलन्त-प्रकरणम्अव्ययप्रकरणञ्च (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
25 | लघुसिद्धान्तकौमुदी,खण्डः–6– भ्वादि-प्रकरणम् (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
26 | सिद्धान्तकौमुदी,खण्डः–01– संज्ञा-परिभाषा-प्रकरणम् (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
27 | सिद्धान्तकौमुदी,खण्डः–02–अच्-सन्धि-प्रकरणम् (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
28 | सिद्धान्तकौमुदी,खण्डः–03– हल्-सन्धि-प्रकरणम् (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
29 | सिद्धान्तकौमुदी,खण्डः–04– विसर्गसन्धि-स्वादिसन्धि-प्रकरणम् (Distance Education Study Material) | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
30 | कविरहस्य | 2015 | गैर्वाणवाणी-गौरव-ग्रन्थमाला, Journal of G.N.Jha Kendriya Sanskrit Vidyapeeth, Allahabad, Vol. |
31 | नारदस्य व्यथा | | Calcutta |
32 | विश्वम्भरा | 2015 | Sanskrita Bharati, Bangalore |
33 | मत्स्यगन्धा | | Calcutta |
37 | Amritamanthanam | 2016 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
37 | आख्यात-चन्द्रिका | Ready for press | Rashtriya Sanskrit Sansthan |
38 | विश्रुतचरितम् | Ready for press | Darbhanga |
39 | परिभाषार्थमञ्जरी | Ready for press | Rashtriya Sanskrit Sansthan |
40 | कौण्डभट्टकृत- बृहद्वैयाकरणभूषणम् (समीक्षात्मकसम्पादन) | Ready for press | Rashtriya Sanskrit Sansthan |
41 | आख्यातचन्द्रिका | Ready for press | Rashtriya Sanskrit Sansthan |
42 | सारस्वतीप्रक्रिया (द्वादश-पक्षीयटीका) | Ready for press | Rashtriya Sanskrit Sansthan |
43 | पदमुष्टिप्रकाशिका | Ready for press | Rashtriya Sanskrit Sansthan |
Sr. No. | Name of Book | Year | Published by |
1. | Journal of G.N. Jha Campus, Allahabad (Volume - 63)ISSN 0377-0575 | 2010 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
2. | Journal of G.N. Jha Campus, Allahabad (Volume - 64)ISSN 0377-0575 | 2011 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
3. | Journal of G.N. Jha Campus, Allahabad (Volume - 66) ISSN 0377-0575 | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
4 | Journal of G.N. Jha Campus, Allahabad (Volume - 67)ISSN 0377-0575 | 2012 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
5 | Journal of G.N. Jha Campus, Allahabad (Volume - 68)ISSN 0377-0575 | 2013 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
6 | Journal of G.N. Jha Campus, Allahabad (Volume - 69)ISSN 0377-0575 | 2014 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
7 | Journal of G.N. Jha Campus, Allahabad (Volume - 70)ISSN 0377-0575 | 2015 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
8 | Journal of G.N. Jha Campus, Allahabad (Volume - 71)ISSN 0377-0575 | 2016 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
9-40 | दृक् (षाण्मासिकी)आधुनिक-संस्कृत-साहित्य-समीक्षा-पत्रिका,31अंक(1-31) ISSN 0976 – 447 X | 1999-2012 | Drig-Bharati, Allahabad |
41-65 | कथासरित् (षाण्मासिकी) संस्कृत-कथा-पत्रिका 24 अंक (1-22)ISSN 0976-4453 | 2005-2012 | Kathabharati, Allahabad |
66-77 | Padyabandha (षाण्मासिकी)संस्कृत-कविता-पत्रिका11 issues (1-11)ISSN 2278-4888 | 2011-2012 | Binapani Parishad, Bhopal |
77-78 | उशती (वार्षिकी) संस्कृत-साहित्य-पत्रिका 2 issues (5-6) | 2000-2001 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, G.N. Jha Campus, Allahabad |
79-85 | मधुछन्दा, (वार्षिकी)ओडिआ-साहित्य-पत्रिका6 issues (1-6) | 1985- | Literary Magazine of Utkal Chintanika- Pune,Varanasi |
86-88 | त्रिवेणी, (वार्षिकी)ओडिआ-साहित्य-पत्रिका 3 issues (1-3) | 1988 | Literary Oriya Magazine of Utkal Samaj, Allahabad |
89 | Souvenire (वार्षिकी) ओडिआ-हिन्दी- आंग्ल-त्रिभाषी-साहित्य-पत्रिका1 issue (1) | 1989 | Literary Magazine of Utkal Samaj, Allahabad |
90-92 | शाश्वती (वार्षिकी) ओडिआ-हिन्दी-द्विभाषी-साहित्य-पत्रिका 3 issues (1-3) | Literary Magazine of Utkal Samaj, Allahabad | |
93 | सारस्वतकुसुमाञ्जलि (Felicitation volum of prof. Jayamanta Mishra) | 1994 | (Felicitation Committee of prof. Jayamanta Mishra) |
94 | कृष्णमाधवचिन्तामणि (commemoration vol. of Late Pt. Krishnamadhav Jha) | 1999 | (commemoration Committee of Late Pt. Krishnamadhav Jha) |
95 | हरिहरशतदलम् (Felicitation volum of Prof. Harihar Jha) | | (Felicitation Committee of prof. Harihar Jha) |
96-97 | Shabdi Tripathaga (2 Issuues) | 2018-20 | Shri Raghunath Kirti Parisar, Deva Prayag |
97 | Devabhumisaurabham (Ist Issuue) | Ready | Shri Raghunath Kirti Parisar, Deva Prayag |
98-108 | Raghunathavartavali (11 issues) | 2016-20 | Shri Raghunath Kirti Parisar, Deva Prayag |
(ट) E-Texts Prepared and Uploaded in Sansthan’s website(2010-2011)
Sr. No. | Name of Project | Year | |
1. | वैयाकरणभूषण Uploaded in Sansthan's Web-site | 2010-11 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
2. | वैयाकरणसिद्धान्तमञ्जुषा Submitted to be uploaded in Sansthan's Web-site | 2010-11 | Rashtriya Sanskrit Sansthan, New Delhi |
संस्कृतस्वाध्याय (राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान) प्रथमादीक्षा 5 भाग (2002)
संस्कृतस्वाध्याय (राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान) द्वितीयदीक्षा 3 भाग (2004)
काव्यस्वाध्याय (राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान) तृतीयदीक्षा संक्षेपरामायण (2003)
काव्यस्वाध्याय (राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान) तृतीयदीक्षा नीतिशतकम् (2005)
काव्यस्वाध्याय (राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान) तृतीयदीक्षा हितोपदेशः (2005)
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